“दुनिया गोल है”
कहते हैं सब की ये दुनिया गोल है
सबकी जिंदगी में कोई ना कोई झोल है
कहीं जज्बातों का मोल है ,
कहीं रूपयों का तोल है,
कहीं सन्नाटों में बज रहा ढोल है ,
कहीं महफ़िल भी चित बोर है,
मगर निभाते सभी अपना रोल है,
कहीं झूठ का मच रहा शोर है ,
कहीं सच पड़ रहा कमज़ोर है,
कहीं खुशी से नाच रहा मनमोर है,
कहीं बादल छाये घनघोर हैं।
ऐसा लगता है कि यहाँ सभी के डबल रोल है,
कहते हैं सब की ये दुनिया गोल है।।।