दुनिया की रीत
किसी काम का उत्सर्जन
फिर उससे उपार्जन
अंत में उसका विसर्जन
अब तो रिश्ते ऐसे ही परिभाषित होते हैं
मतलब के लिए गधे को बाप बनाते हैं
काम हो जाने के बाद आंख चुराते है
दोस्ती के मायने भी बदल गए
जान देने वाले दोस्त भी बदल गए
वो ना बदले पर हम बदल गए
जमाने की चाल ने समझदार बना दिया
रिश्ते निभाने का हुनर सिखा दिया
एक भले मानस को कलाकार बना दिया
वीर कुमार जैन
09 अगस्त 2021