Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2022 · 5 min read

दुनिया की पहली पुस्तकें लिखी दर्पण छवि में पीयूष गोयल ने …

दुनिया में एक से एक कलाकार मौजूद हैं जिनकी प्रतिभा देखकर लोग चमत्कार समझने लगते हैं। ऐसे ही एक कलाकार ने पांच तरह की पुस्तकों को लिखकर चौका दिया है। लेखक पीयूष गोयल ने उल्टे अक्षरों में गीता, सुई से मधुशाला, मेंहंदी से गीतांजलि, कार्बन पेपर से पंचतंत्र के साथ ही कील से पीयूष वाणी लिख डाली। पीयूष की इन किताबों को देखकर हर कोई हतप्रभ है। कला और दक्षता की कोई सीमा नहीं होती,रोज नई उपलब्‍धियां प्रकाश में आती रहती हैं, ऐसा ही दिलचस्‍प कारनामा किया है श्रीमती रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के बेटे पीयूष गोयल ने। उसने पंच प्रचलित पुस्‍तकें पंच तरीके से लिख डाली हैं।

इनमें अध्‍यात्‍म दर्शन और कर्मफल संस्‍कृति को व्‍यापक और सहजता के साथ जनग्राही बनाने वाली भागवत गीता भी शामिल है। 49 वर्षीय पीयूष गोयल अपने धुन में रमकर कुछ अलग करने में जुटे कि शब्दों को उल्टा लिखने में लग गए। इस धुन में ऐसे रमे कि कई अलग-अलग सामग्री से कई पुस्तकें लिख दीं।

डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पढ़ाई करने वाले पीयूष गोयल का 2000 में एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें इस हादसे से उबरने में करीब नौ माह लग गए। इस दौरान उन्होंने श्रीमद्भभगवद गीता को अपने जीवन में उतार लिया। जब वे ठीक हुए तो कुछ अलग करने की जिजीविषा पाले वे शब्दों को उल्टा (मिरर शैली) लिखने का प्रयास करने लगे। फिर अभ्यास ऐसा बना कि उन्होंने कई किताबें लिख दीं। गोयल की लिखीं पुस्तकें पढ़ने के लिए आपको दर्पण का सहारा लेना पड़ेगा। उल्टे लिखे अक्षर दर्पण में सीधे दिखाई देंगे और आप आसानी से उसे पढ़ लेंगे।

पीयूष गोयल बताते हैं कि कुछ लोगों ने कहा कि आपकी लिखी किताबें पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत होगी। कुछ ऐसा करें कि दर्पण की जरूरत न पड़े। इस पर पीयूष गोयल ने सुई से मधुशाला लिख दी।

हरिवंश राय बच्चन की पुस्तक ‘मधुशाला’ को सुई से मिरर इमेज में लिखने में करीब ढाई माह का समय लगा। गोयल की मानें तो यह सुई से लिखी ‘मधुशाला’ दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सुई से लिखी गई है।

उल्‍टे अक्षरों से लिख गई भागवत गीता ( Bhagwat Gita )
bhagwad geeta in ulte acchar

आप इस भाषा को देखेंगे तो एकबारगी भौचक्के रह जायेंगे। आपको समझ में नहीं आयेगा कि यह किताब किस भाषा शैली में लिखी हुई है। पर आप जैसे ही दर्पण ( शीशे‌ ) के सामने पहुंचेंगे तो यह किताब खुद-ब-खुद बोलने लगेगी। सारे अक्षर सीधे नजर आयेंगे। इस मिरर इमेज किताब को पीयूष गोयल ने लिखा है। मिलनसार पीयूष गोयल मिरर इमेज की भाषा शैली में कई किताबें लिख चुके हैं।

सुई से लिखी मधुशाला ( Madhushala )
सुई से लिखी मधुशाला ( Madhushala )

पीयूष गोयल ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि देखने वालों आँखें खुली रह जाएगी और न देखने वालों के लिए एक स्पर्श मात्र ही बहुत है। पीयूष गोयल ने पूछने पर बताया कि सुई से पुस्तक लिखने का विचार क्यों आया ? अक्सर मुझ से ये पूछा जाता था कि आपकी पुस्तकों को पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत पड़ती है। पढ़ना उसके साथ शीशा, आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ लिखा जाये सो मैंने सूई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘मधुशाला’ को करीब 2 से ढाई महीने में पूरा किया। यह पुस्तक भी मिरर इमेज में लिखी गयी है और इसको पढ़ने लिए शीशे की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि रिवर्स में पेज पर शब्दों के इतने प्यारे मोतियों जैसे पृष्ठों को गुंथा गया है, जिसको पढ़ने में आसानी रहती हैं और यह सूई से लिखी ‘मधुशाला’ दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सूई से लिखी गई है।

मेंहदी कोन से लिखी गई गीतांजलि ( Gitanjali )
मेंहदी कोन से लिखी गई गीतांजलि ( Gitanjali )

पीयूष गोयल ने एक और नया कारनामा कर दिखाया है उन्होंने 1913 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ टैगोर की विश्व प्रसिद्ध कृति ‘गीतांजलि’ को ‘मेंहदी के कोन’ से लिखा है। उन्होंने 8 जुलाई 2012 को मेंहदी से गीतांजलि लिखनी शुरू की और सभी 103 अध्याय 5 अगस्त 2012 को पूरे कर दिए।इसको लिखने में 17 कोन तथा दो नोट बुक प्रयोग में आई हैं। पीयूष ने श्री दुर्गा सप्त शती, अवधी में सुन्दरकांड, आरती संग्रह, हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में श्री साईं सत्चरित्र भी लिख चुके हैं। ‘रामचरितमानस’ ( दोहे, सोरठा और चौपाई ) को भी लिख चुके हैं।

कील से लिखी ‘पीयूष वाणी’
कील से लिखी ‘पीयूष वाणी’

अब पीयूष गोयल ने अपनी ही लिखी पुस्तक ‘पीयूष वाणी’ को कील से ए-फोर साइज की एल्युमिनियम शीट पर लिखा है। पीयूष ने पूछने पर बताया कि कील से क्यों लिखा है ? तो उन्होंने बताया कि वे इससे पहले दुनिया की पहली सुई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘मधुशाला’ को लिख चुके हैं। तो उन्हें विचार आया कि क्यों न कील से भी प्रयास किया जाये सो उन्होंने ए-फोर साइज के एल्युमिनियम शीट पर भी लिख डाला।

कार्बन पेपर की मदद से लिखी ‘पंचतंत्र’ ( Carbon paper written ‘Panchatantra’ )
कार्बन पेपर की मदद से लिखी ‘पंचतंत्र’ ( Carbon paper written ‘Panchatantra’ )

गहन अध्ययन के बाद पीयूष ने कार्बन पेपर की सहायता से आचार्य विष्णुशर्मा द्वारा लिखी ‘पंचतंत्र’ के सभी ( पाँच तंत्र, 41 कथा ) को लिखा है। पीयूष गोयल ने कार्बन पेपर को (जिस पर लिखना है) के नीचे उल्टा करके लिखा जिससे पेपर के दूसरी और शब्द सीधे दिखाई देंगे यानी पेज के एक तरफ शब्द मिरर इमेज में और दूसरी तरफ सीधे।

पीयूष 2003 से कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं श्रीमदभगवदगीता (हिन्दी व अंग्रेज़ी), श्री दुर्गा सप्त सत्ती (संस्कृत), श्रीसांई सतचरित्र (हिन्दी व अंग्रेज़ी), श्री सुंदरकांड, चालीसा संग्रह, सुईं से मधुशाला, मेहंदी से गीतांजलि (रबींद्रनाथ टैगोर कृत), कील से “पीयूष वाणी” एवं कार्बन पेपर से “पंचतंत्र” (विष्णु शर्मा कृत)।

नर न निराश करो मन को
नर न निराश करो मन को
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रहकर कुछ नाम करो

इन लाइनों से प्रेरणा लेकर पले बढे है पीयूष गोयल दुनिया की पहली मिरर इमेज पुस्तक श्रीमदभागवत गीता के रचनाकार हैं। पीयूष गोयल ने सभी 18 अध्याय 700 श्लोक अनुवाद सहित हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखा है। पीयूष गोयल ने इसके अलावा दुनिया की पहली सुई से मधुशाला भी लिखी है।इस के आलावा संस्कृत में श्री दुर्गा सत्सती, अवधीमें सुन्दरकाण्ड, हिंदी व अंग्रेज़ी में श्रीसाईं चरित्र भी लिख चुके हैं।

पीयूष गोयल

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 555 Views

You may also like these posts

क्यों जीना है दहशत में
क्यों जीना है दहशत में
Chitra Bisht
धरा --गीत
धरा --गीत
rekha mohan
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
तेरी एक मुस्कुराहट काफी है,
Kanchan Alok Malu
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
Manju sagar
उड़ चल रे परिंदे....
उड़ चल रे परिंदे....
जगदीश लववंशी
जब सच सामने आता है
जब सच सामने आता है
Ghanshyam Poddar
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
होटल में......
होटल में......
A🇨🇭maanush
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कविता
कविता
Nmita Sharma
शिवरात्रि
शिवरात्रि
Madhu Shah
Rainbow on my window!
Rainbow on my window!
Rachana
कितने ही वादे करें,
कितने ही वादे करें,
sushil sarna
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*द लीला पैलेस, जयपुर में तीन दिन दो रात्रि प्रवास : 26, 27, 28 अगस्त 202
*द लीला पैलेस, जयपुर में तीन दिन दो रात्रि प्रवास : 26, 27, 28 अगस्त 202
Ravi Prakash
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
छठी पर्व
छठी पर्व
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
मेरी गोद में सो जाओ
मेरी गोद में सो जाओ
Buddha Prakash
sp119 समय बदलता हर घड़ी /मुझको किस तरह
sp119 समय बदलता हर घड़ी /मुझको किस तरह
Manoj Shrivastava
जन्मदिन पर लिखे अशआर
जन्मदिन पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
4845.*पूर्णिका*
4845.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इश्क़ हो
इश्क़ हो
हिमांशु Kulshrestha
हाँ मेरी  जरुरत  हो  तुम।
हाँ मेरी जरुरत हो तुम।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रकृति और मानव
प्रकृति और मानव
Rahul Singh
जो व्यक्ति कभी किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता,
जो व्यक्ति कभी किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता,
Ranjeet kumar patre
उम्र ज्यादा नहीं है,
उम्र ज्यादा नहीं है,
Umender kumar
सपनों की सच्चाई
सपनों की सच्चाई
श्रीहर्ष आचार्य
रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में।
रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में।
श्रीकृष्ण शुक्ल
कुदरत और भाग्य......एक सच
कुदरत और भाग्य......एक सच
Neeraj Agarwal
Loading...