सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नज़्म _ तन्हा कश्ती , तन्हा ये समन्दर है ,
दोहा-सुराज
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
सिर्फ चुटकुले पढ़े जा रहे कविता के प्रति प्यार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
धनतेरस किसी भी व्यक्ति द्वारा किए गए धन प्रदर्शन का एक त्योह
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
हे वतन तेरे लिए, हे वतन तेरे लिए
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 21 नव
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स