शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
जब लोग आपके विरुद्ध अधिक बोलने के साथ आपकी आलोचना भी करने लग
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साक्षात्कार- पीयूष गोयल दर्पण छवि लेखक
जिस दिन कविता से लोगों के,
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
शायरी का बादशाह हूं कलम मेरी रानी अल्फाज मेरे गुलाम है बाकी
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
अजीब शौक पाला हैं मैने भी लिखने का..
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
27-28 साल की बिन ब्याही लड़कियाँ और बेरोज़गार लड़के, धरती पर
मेरी कलम आज बिल्कुल ही शांत है,
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी