Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2021 · 1 min read

दुख होला झगरा कइला से

जब छोटी-मोटी बातिन पर कवनो घर में तकरार रही
आगे ना बढ़ी कबो हरदम झगरे में ऊ परिवार रही

हटि जाई रोज लड़ाई से
लइकन के ध्यान पढ़ाई से
ई लाइलाज बीमारी हऽ
जाई ना कबो दवाई से
नफरत के भाव रही भीतर ऊ मन कइसे उजियार रही
आगे ना बढ़ी कबो हरदम झगरे में ऊ परिवार रही

नजदीके चाहे फइला से
दुख होला झगरा कइला से
घरवा में कलह मचेला जब
ना खून बनेला खइला से
जवने घरवा के मनइन के मूँहे में बस अंगार रही
आगे ना बढ़ी कबो हरदम झगरे में ऊ परिवार रही

सनमत के भरबऽ प्याली ना
घर में आई खुशहाली ना
जोरन सनेह के ना डलबऽ
सुख के तू पइबऽ छाली ना
जहवाँ इक दूजा के मन में ना प्रेम भरल रसधार रही
आगे ना बढ़ी कबो हरदम झगरे में ऊ परिवार रही

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 04/12/2021

4 Likes · 2 Comments · 688 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मौसम तुझको देखते ,
मौसम तुझको देखते ,
sushil sarna
प्रीत
प्रीत
Annu Gurjar
हकीकत की जमीं पर हूँ
हकीकत की जमीं पर हूँ
VINOD CHAUHAN
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
gurudeenverma198
आकांक्षा पत्रिका समीक्षा
आकांक्षा पत्रिका समीक्षा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
सदैव मेहनत करके ही आगे बढ़ें,
Ajit Kumar "Karn"
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
Ranjeet kumar patre
"नकल"
Dr. Kishan tandon kranti
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है
भजन- सपने में श्याम मेरे आया है
अरविंद भारद्वाज
गुरू
गुरू
Shinde Poonam
जीवनचक्र
जीवनचक्र
Sonam Puneet Dubey
गीत
गीत
Shweta Soni
खूब ठहाके लगा के बन्दे
खूब ठहाके लगा के बन्दे
Akash Yadav
🙅अचूक नुस्खा🙅
🙅अचूक नुस्खा🙅
*प्रणय*
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
Lokesh Sharma
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मुहब्बत है ज़ियादा पर अना भी यार थोड़ी है
मुहब्बत है ज़ियादा पर अना भी यार थोड़ी है
Anis Shah
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
अफ़सोस
अफ़सोस
Dipak Kumar "Girja"
मैं पढ़ता हूं
मैं पढ़ता हूं
डॉ० रोहित कौशिक
समय
समय
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वृद्धावस्था
वृद्धावस्था
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
शृंगार छंद और विधाएँ
शृंगार छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
तुम नग्न होकर आये
तुम नग्न होकर आये
पूर्वार्थ
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
हर पन्ना  जिन्दगी का
हर पन्ना जिन्दगी का
हिमांशु Kulshrestha
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,
तन्हाई में अपनी परछाई से भी डर लगता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4326.💐 *पूर्णिका* 💐
4326.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भक्तिकाल
भक्तिकाल
Sanjay ' शून्य'
Loading...