Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2024 · 1 min read

दुख तब नहीं लगता

दुख तब नहीं लगता
जब कोई अनजान पूछे,
कि तुम कौन हो ?
और मन तब नहीं लगता
जब कोई अपना कहे की
बोलो कैसे आना हुआ ? ।

हरमिंदर कौर,अमरोहा (उत्तर प्रदेश)

2 Likes · 154 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
🙅आग्रह🙅
🙅आग्रह🙅
*प्रणय*
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मोबाइल
मोबाइल
Dr Archana Gupta
" पाठ "
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल -संदीप ठाकुर- कमी रही बरसों
ग़ज़ल -संदीप ठाकुर- कमी रही बरसों
Sandeep Thakur
हमारी तकदीर कोई संवारेगा!
हमारी तकदीर कोई संवारेगा!
सिद्धार्थ गोरखपुरी
4614.*पूर्णिका*
4614.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
आकाश महेशपुरी
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
Manju sagar
बुरे वक्त में भी जो
बुरे वक्त में भी जो
Ranjeet kumar patre
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
Lohit Tamta
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
अतीत - “टाइम मशीन
अतीत - “टाइम मशीन"
Atul "Krishn"
चिंता दर्द कम नहीं करती, सुकून जरूर छीन लेती है ।
चिंता दर्द कम नहीं करती, सुकून जरूर छीन लेती है ।
पूर्वार्थ
पीपल बाबा बूड़ा बरगद
पीपल बाबा बूड़ा बरगद
Dr.Pratibha Prakash
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल  सामने आने लगे हैं,
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल सामने आने लगे हैं,
Neelofar Khan
এটাই সফলতা
এটাই সফলতা
Otteri Selvakumar
जहन का हिस्सा..
जहन का हिस्सा..
शिवम "सहज"
*वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)*
*वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
भगवती पारीक 'मनु'
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
पहली दफ़ा कुछ अशुद्धियाॅं रह सकती है।
Ajit Kumar "Karn"
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
शब्द अभिव्यंजना
शब्द अभिव्यंजना
Neelam Sharma
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
जब आवश्यकता होती है,
जब आवश्यकता होती है,
नेताम आर सी
Loading...