दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
तख्तो ताज मगर,
किसी की आह भी
हुकूमत छीन लेती है
जिंदगी की विरासत
प्रेमदास वसु सुरेखा
दुआ किसी को अगर देती है
तख्तो ताज मगर,
किसी की आह भी
हुकूमत छीन लेती है
जिंदगी की विरासत
प्रेमदास वसु सुरेखा