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7 Mar 2024 · 1 min read

दुःख से

दुःख से
क्यूँ भय लगता है,
यह
मुझको तो
प्रिय और
सुखमय लगता है,
प्राणों में
जीवन का
स्पंदन
और मृत्यु की
लय लगता है।

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