दुःख,दिक्कतें औ दर्द है अपनी कहानी में, दुःख,दिक्कतें औ दर्द है अपनी कहानी में, सुनेगा तो बोल… वर्ना फिर रहने दूँ -सिद्धार्थ गोरखपुरी