दीवाली पर कुंडलियां
1
आई है दीपावली, दीपों का ले थाल
लगता है जैसे निशा, लिये खड़ी जयमाल
लिये खड़ी जयमाल, धरा माता पुलकित है
आतिशबाजी देख,तात नभ भी विस्मित है
बनी ‘अर्चना’ द्वार, रँगोली मन को भाई
दिन जैसी है रात, अमावस ऐसी आई
2
आया है दीपावली, का पावन त्यौहार
मेरी भी शुभकामना, आप करें स्वीकार
आप करें स्वीकार,कृपा लक्ष्मी की पायें
खुशियों से भंडार, आपके भर भर जायें
कहे ‘अर्चना’ दूर,रहे तम का हर साया
तभी दिवाली पर्व, रोशनी लेकर आया
05-11-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद