दीवाली(दोहे)
1
कार्तिक मास त्रयोदशी, धनतेरस त्योहार
श्री कुबेर जी आप पर, रक्खें कृपा अपार
2
चौदस कार्तिक मास की, दे खुशियाँ भरपूर।
दुःख निराशा दरिद्रता,रहे आपसे दूर ।।
3
आया है उल्लास का, दीवाली त्योहार
दीपक जैसा आपका, जगमग हो संसार
4
गोवर्धन जी दीजिये, सबको आशीर्वाद
सुख समृद्धि शांति से, हो हर घर आबाद
5
आया भाई दूज का,प्रेम भरा त्योहार
बहन करें मंगल तिलक,भाई दें उपहार
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1
आया है उल्लास का, दीवाली त्योहार।
धरती माँ का हो रहा,दीपों से शृंगार।।
2
मन का अँधियारा मिटे, ऐसा करो प्रकाश।
खुशियाँ सब से बाँटकर,भरो हर्ष उल्लास।।
3
भावी पीढ़ी जान ले,अपने सब संस्कार।
मनते रीति रिवाज से, इसीलिये त्योहार।।
4
अब त्योहारों में नहीं, पहला सा उल्लास।
पैसा तो भरपूर है, वक़्त नहीं है पास।।
5
अन्नकूट उत्सव मना, गोवर्धन गिरिराज
बनी रहे इनकी कृपा, पूरे होयें काज
6
आई है दीपावली , ले दीपों का थाल
लगता है जैसे निशा, खड़ी लिये जयमाल
25-10-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद