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25 Aug 2024 · 1 min read

दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।

दीवाना मौसम हुआ,ख्वाब हुए गुलजार ।
बाँहों में टूटे बदन, हार गए इंकार ।
देर तलक होता रहा, नैनों में संग्राम –
सुध-बुध भूले अन्ततः , मौन हुई हर रार ।

सुशील सरना /

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