Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2021 · 1 min read

दीप बनकर तुम सदा जलते रहो

तुम नदी बनकर निरन्तर ही बहो
टिक न पाएगी कोई चट्टान भी
दीप बनकर तुम सदा जलते रहो
फिर नहीं होगा तिमिर का भान भी

वक़्त जब विपरीत होता है यहाँ
फूल से भी तब हमें मिलती चुभन
ज़िन्दगी में जब बुरे हालात हों
टूटने देना न हिम्मत और मन
जब समझ आ जाएगी ये ज़िन्दगी
एक दिन पा जाओगे पहचान भी
दीप बनकर……

आज है जो कल बदल वो जाएगा
एक से रहते कभी मौसम नहीं
कोशिशें करते रहो, बढ़ते रहो
मंज़िले भी ज़िन्दगी में कम नहीं
जब समय अनुकूल होगा देखना
मुश्किलें हो जाएंगी आसान भी
दीप बनकर….

साथ चलना है हमें हर हाल में
चाल तो छुपकर चलेगी ज़िन्दगी
ये करेगी हर समय मनमानियाँ
हर डगर हमको छलेगी ज़िन्दगी
खो न देना पर कहीं तुम धैर्य को
है अगर ये बोझ, तो वरदान भी
दीप बनकर…
26-8-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 343 Views
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
जीत और हार ज़िंदगी का एक हिस्सा है ,
जीत और हार ज़िंदगी का एक हिस्सा है ,
Neelofar Khan
एक सड़क जो जाती है संसद
एक सड़क जो जाती है संसद
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
कण कण में है श्रीराम
कण कण में है श्रीराम
Santosh kumar Miri
गरीबी
गरीबी
Neeraj Agarwal
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/190.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तो गलत कहाँ हूँ मैं ?
तो गलत कहाँ हूँ मैं ?
नेहा आज़ाद
दोहे
दोहे
Suryakant Dwivedi
पिता
पिता
Dr. Rajeev Jain
🙅सावधान🙅
🙅सावधान🙅
*प्रणय*
दिल में तेरी तस्वीर को सजा रखा है -
दिल में तेरी तस्वीर को सजा रखा है -
bharat gehlot
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ले हौसले बुलंद कर्म को पूरा कर,
ले हौसले बुलंद कर्म को पूरा कर,
Anamika Tiwari 'annpurna '
Chalo phirse ek koshish karen
Chalo phirse ek koshish karen
Aktrun Nisha
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
The_dk_poetry
*आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)*
*आई बारिश कह रही, जमे चाय का रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहा सप्तक. . . . हिन्दी
दोहा सप्तक. . . . हिन्दी
sushil sarna
बचपन
बचपन
Ayushi Verma
एक आरजू
एक आरजू
लक्ष्मी सिंह
भूख
भूख
Mansi Kadam
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
Pyar ka pahla khat likhne me wakt to lagta hai ,
Pyar ka pahla khat likhne me wakt to lagta hai ,
Sakshi Singh
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
शून्य सा अवशेष मैं....!
शून्य सा अवशेष मैं....!
पंकज परिंदा
#राम_भला_कब_दूर_हुए_है?
#राम_भला_कब_दूर_हुए_है?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
उम्मीद
उम्मीद
ललकार भारद्वाज
हर तरफ होती हैं बस तनहाइयां।
हर तरफ होती हैं बस तनहाइयां।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
ज़िंदगी जीने के लिये क्या चाहिए.!
शेखर सिंह
*पुस्तक*
*पुस्तक*
Dr. Priya Gupta
Loading...