दीप ओ जलाएंगे ___घनाक्षरी
अपना हो ऐसा भाव_ मिट जाए तम सारा।
फैले फैले उजियारा _दीप ओ जलाएंगे।
दूरी न किसी से रहे_ मैने कहा आप कहें।
हम तुम सबको ही__ समीप बुलाएंगे।।
दीप मन का जलेगा _ भाग सबका फलेगा।
इस उजियारे से हर घर चमकाएंगे।।
अनुनय कहता है_ सुनो सुनो मेरे भाई_
दीपावली आई रोशनी कर जायेंगे।।
***इस पटल के समस्त साहित्य प्रेमियों,
लेखकों, कवियों को __
दीपावली महापर्व की ,
अनंत शुभकामनाएं🙏🙏🙏🙏
कवि__ राजेश व्यास अनुनय