(दीप उत्सव)
(दीप उत्सव)
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मेरी भी एक आशा है वह आशा यूं ही बनी रहे
दीपों की इस बस्ती में ,यूँ दिली तमन्ना सजी रहे
कहना है मेरा अब सबसे हर घर में एसे उजियारी हो
जली हुई दीपों की बाती अब हर दिल में यूं ही जली रहे |
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दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाइयाँ
***** धीरेन्द्र वर्मा *****