दीप आवाहन दोहा एकादश
आशाओं के दीप से, मिटे निराशा भाव
मोदी का मक़सद यही, भरे मानसिक घाव //१.//
आकांक्षों के दीप से, जन-जन की यह आस
सभी में नया जोश यदि, उपजेगा विश्वास //२.//
मोदी आवाहन करे, दीप जलाओ आज
डर कर भागे हृदयगत, कोरोना यमराज //३.//
मोदी का है लक्ष्य यह, हो भय मुक्त समाज
दीपों की यह रौशनी, जनता की आवाज़ //४.//
अन्धकार का नाश हो, यह प्रकाश की जीत
कोरोना के मध्य यूँ, गा खुशियों के गीत //५.//
कोरोना पर हो विजय, दीपों का हो पर्व
मोदी का सन्देश यह, करो राष्ट्र पे गर्व //६.//
कोरोना से मुक्त हो, अपना भारतवर्ष
दीपों की जगमग कहे, जीवन में हो हर्ष //७.//
हीरा’बा तू धन्य है, जन्मा ‘मोदी’ लाल
ऊंचा भारतवर्ष का, जिसके कारण भाल //८.//
देख विश्व भी हो चकित, हरसूँ जलते दीप
जैसे मोती की चमक, फैलाती है सीप //९.//
मोदी जी का भाव यह, दीपों का उपहार
आशाओं की ज्योति से, कोरोना की हार //१०.//
लक्ष्य कठिन पर दुख नहीं, चले चलो दिनरात
कोरोना व्यापक सही, देंगे उसको मात //११.//