दीपोत्सव
मन अंधियारा दूर करें
जब दीपोत्सव के दीप जले
दीप दीप से रोशन होती
अयोध्या नगरी में द्वारे द्वारे
जब राहों में झिलमिल दीप करें
हे राम आपका हम इंतजार करें
शबरी की तरह मिलन की प्यास धरे
अब और प्रतीक्षा मत करवाओ
मेरे राम अब जल्दी आ जाओ
धरती, अंबर ,बादल, बरखा रास्ता देखे
सूरज चंदा तारामंडल ऊपर से ताके
सरयू का तट भी रास्ता देखे
मर्यादा पुरुषोत्तम अब आ जाओ
हमारे दिल में बसने वाले राम आ जाओ
मन अंधियारा दूर करे
जब दीपोत्सव के दीप जले
हर पल खुशियां लेकर आए
नव उमंग के पल हर क्षण आए
जीवन की राहें सहज सरल हो
दीपोत्सव सा मंज़र नज़र आए