दीपावली के अवसर पर
दीपावली के अवसर पर,
हो जाता मित्रों से मिलना।
भूली बिसरी यादों के,
हो जाता फूलों का खिलना।।
गांव की पावन धूल को,
हो जाता गले लगाना।
मंदिर की सायंकाल आरती में,
हो जाता घंटी बजाना।।
गांव के बड़े बुजुर्गों का,
हो जाता आशीष पाना।
देवी देवताओ के समक्ष,
हो जाता शीश झुकाना।।
खुली हवा में खुलकर जीना,
मन प्रसन्न देख भरा सा तालाब।
दीपावली के अवसर पर,
जीते फिर से बचपन के ख्वाब।।
खट्टी मीठी लेकर यादें,
हो जाता फिर से जाना शहर ।
गांव शहर आना जाना,
हो जाता त्योहारों के अवसर।।
—– जेपीएल