दीपावली की दीपमाला
दीपावली की दीपमाला
दीवाली पर्व है जीवन को रोशनी से जगमगाने का,
पर्व, जीवन के अंधेरों को रोशनी से मिटाने का ।
दीवाली प्रतीक है जीवन में प्रकाश के रंग भरने का,
जीवन में खुशी, उल्लास और उमंग भरने का ।
फिर दीप जलाने का रिकॉर्ड बनाना लक्ष्य क्यों हो गया ?
आज रोशनी के त्योहार का मूलभाव कहाँ खो गया ?
वक्त के साथ शुरू हो गए हैं ये कैसे सिलसिले ?
कि लाखों चूल्हे बुझे हैं पर हैं लाखों दीप जले ।
लगता है वेलफेयर स्टेट का ध्येय अब ठीक नहीं रहा,
रोशनी का त्योहार जीवन रोशन करने का प्रतीक नहीं रहा ।
जनहित की सरकार है तो संकल्प यह उठाना होगा,
लाखों दीपों से पहले बुझे हुए चूल्हों को जलाना होगा ।
भूखों के चूल्हे जला कर जीवन रोशन करने में हो विश्वास,
ना कि हो लाखों दिए जला रिकॉर्ड बनाने का प्रयास ।