दीपावली उत्सव
विषय – दीपोत्सव
लेखक – डॉ अरूण कुमार शास्त्री
शीर्षक – जग चानन होया
विद्या – स्वच्छंद काव्य
दीपों की बारात निकली है ।
दिवाली की रात सजीली है ।
चारों ओर जगमगाती हुई ।
दीपों की यह रोशनी लाजवाब है।
धन और सुख की वर्षा हो ।
इस दिवाली पर सबको खुशी मिले ।
हर घर में उजाला हो ।
दिवाली की शुभकामनाएं आपको ।
दीप जलाएं, दुआएं मांगें ।
इस दिवाली पर अपनों को याद करें ।
नई उमंग, नई आशा लाए ।
दिवाली की रात सपने सजाए।
दीपों की रोशनी में खुशियाँ मनाएं ।
दिवाली की शुभकामनाएं आपको ।
इस दिवाली पर सबको सुख मिले ।
दीपों की यह रोशनी लाजवाब है।
दिवाली की रात है जगमगाई ।
दीपों की यह रोशनी सबके मन भायी।
हर घर में खुशियाँ है लाई।
दिवाली की शुभकामनाएं आपको ।
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