दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
देश-विदेश पुलक अति भारी,पूर्ण कामना जनमन सारी।
द्वार -द्वार नव दीप जले हैं, जस सौ-सूरज गगन तले हैं।
राम-नाम भय,संकट-त्राता,चरण-कमल-रज चाहूँ दाता।
a m prahari