Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2023 · 1 min read

#दीनदयाल_जयंती

#दीनदयाल_जयंती
■ नमन्…एक प्रार्थना के साथ।
【प्रणय प्रभात】
“एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय” को जयंती पर्व पर एक “एकात्म मानव” की ओर से शत-शत नमन्। ईश्वर पंडित जी के उन सिद्धांतों व आदर्शों की समझ जनमानस में पैदा करे, जिनका उपयोग मात्र राजनैतिक स्वार्थ-सिद्धि के लिए प्रयोजन व प्रसंगवश होता आ रहा है। केवल छलावों के रूप में, वर्ष भर में दो दिन।।

●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 172 Views

You may also like these posts

पता है क्यों...
पता है क्यों...
Manisha Wandhare
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
Neeraj Agarwal
I9BET là nhà cái cá cược trực tuyến đình đám trên thị trường
I9BET là nhà cái cá cược trực tuyến đình đám trên thị trường
I9BET
विश्व राज की कामना
विश्व राज की कामना
संतोष बरमैया जय
वरदान है बेटी💐
वरदान है बेटी💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिवाली त्योहार का महत्व
दिवाली त्योहार का महत्व
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय*
कमीना विद्वान।
कमीना विद्वान।
Acharya Rama Nand Mandal
"लौ दीये की"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
आक्रोश प्रेम का
आक्रोश प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
मां है अमर कहानी
मां है अमर कहानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
तेवरी और ग़ज़ल, अलग-अलग नहीं +कैलाश पचौरी
तेवरी और ग़ज़ल, अलग-अलग नहीं +कैलाश पचौरी
कवि रमेशराज
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
Shreedhar
*धन्य-धन्य हे दयानंद, जग तुमने आर्य बनाया (गीत)*
*धन्य-धन्य हे दयानंद, जग तुमने आर्य बनाया (गीत)*
Ravi Prakash
*** लहरों के संग....! ***
*** लहरों के संग....! ***
VEDANTA PATEL
मौसम का गीत
मौसम का गीत
Laxmi Narayan Gupta
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
ज़ख़्म मेरा, लो उभरने लगा है...
sushil yadav
आत्मबल
आत्मबल
Punam Pande
आभासी संसार का,
आभासी संसार का,
sushil sarna
मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं।
मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं।
दीपक झा रुद्रा
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
काश तुम मिले ना होते तो ये हाल हमारा ना होता
Kumar lalit
बेज़ार सफर (कविता)
बेज़ार सफर (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
शेखर सिंह
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
वृक्षारोपण
वृक्षारोपण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...