Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2020 · 1 min read

दीदार

दिन के मनहूस हर लम्हे को,तन्हाई में जीया करते हैं
शाम ढल जाने का, इन्तज़ार किया करते हैं
फिर खो जाते हैं ,नींद के आगोश में इस कद्र ‘देव’
और ख़्वाबों में ही, आपका दीदार किया करते हैं

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हमेशा सही के साथ खड़े रहें,
हमेशा सही के साथ खड़े रहें,
नेताम आर सी
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
Lokesh Sharma
सु
सु
*प्रणय*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
बदनाम गली
बदनाम गली
dr rajmati Surana
- सांसारिक मोहमाया -
- सांसारिक मोहमाया -
bharat gehlot
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
बेवजह ख़्वाहिशों की इत्तिला मे गुज़र जाएगी,
शेखर सिंह
लिव-इन रिलेशनशिप
लिव-इन रिलेशनशिप
लक्ष्मी सिंह
दुनियादारी
दुनियादारी
श्रीकृष्ण शुक्ल
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
डॉ. नामवर सिंह की आलोचना के अन्तर्विरोध
कवि रमेशराज
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
हाशिये पर बैठे लोग
हाशिये पर बैठे लोग
Chitra Bisht
4015.💐 *पूर्णिका* 💐
4015.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Day moon
Day moon
Otteri Selvakumar
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
, गुज़रा इक ज़माना
, गुज़रा इक ज़माना
Surinder blackpen
भूप
भूप
Shriyansh Gupta
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विचार
विचार
Godambari Negi
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
श्रीहर्ष आचार्य
“कभी कभी ऐसा होता है….
“कभी कभी ऐसा होता है….
Neeraj kumar Soni
तू ज्वाला की तिल्ली हो
तू ज्वाला की तिल्ली हो
उमा झा
राधे कृष्णा, राधे कृष्णा
राधे कृष्णा, राधे कृष्णा
Vibha Jain
*शिवरात्रि*
*शिवरात्रि*
Dr. Priya Gupta
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
Paras Nath Jha
जीवन को आसानी से जीना है तो
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
नारी सम्मान
नारी सम्मान
Sanjay ' शून्य'
Loading...