दिल
जिस्म दिया भगवान ने जब,
जोड़े में दिया हमको सब,
दिल दिया केवल एक ही,
भावनाएं दे दीं इसमें अजब।।
भगवान ने फिर यह काम किया
शरीर का कंट्रोल,दिल को दिया,
निर्भर हो गया जिस्म दिल पर,
सांसों का फैसला दिल ने लिया।।
जज्वातों का कोई मोल न होगा,
संवेदनाओं पर हरदम वार सहेगा,
भगवान ने सोचा भी न था यह सब,
इंसान ही इंसान के दिल को तोड़ेगा।।
शस्त्रों का प्रयोग न होगा,
वह शब्दों का प्रहार करेगा,
नहीं लगेगी दिल पर गोली,
फिर भी दिल छलनी होएगा,
कानून के दायरे में इंसान रहेगा,
इंसानी जज्वातों का खून करेगा,
क्योंकि शस्त्रों से नहीं इंसान,
हृदय गति रूकने से मरेगा।।
By:Dr Swati Gupta