दिल ही तो है
देखा जाये तो
आखिर में
हमारा अपना जो है
वह हमारा दिल ही तो है
चाहो तो इसके उपवन में
हजारों फूल खिलाकर
इसे सुगंधित बना लो
यह न चाहो तो
इसके पत्थर के फर्श पर
सैकड़ों शीशे के घरों को तोड़कर
अपनी सबसे खूबसूरत जगह को
लहूलुहान कर
खून से लथपथ कर
एक रक्तरंजित
लहू का बहता दरिया बना लो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001