दिल मे दस्तक़।
तेरे दीदार से सज़दा करना चाहता है ये दिल,
मेरे महबूब कभी मुलाकात का मौक़ा तो दे,
तेरे राहों में गुलाब की पंखुड़ियां बिखेर दु,
एक दफ़ा मेरी जान,
दिल के इन वीरान रास्तों में अपनी दस्तक़ तो दे।
दीपक ‘पटेल’
तेरे दीदार से सज़दा करना चाहता है ये दिल,
मेरे महबूब कभी मुलाकात का मौक़ा तो दे,
तेरे राहों में गुलाब की पंखुड़ियां बिखेर दु,
एक दफ़ा मेरी जान,
दिल के इन वीरान रास्तों में अपनी दस्तक़ तो दे।
दीपक ‘पटेल’