*दिल में बसाई तस्वीर है*
दिल में बसाई तस्वीर है
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दिल में बसाई तस्वीर है,
तुम से हमारी तकदीर है।
यूँ रूठ कर ना जाओ नशीं,
सुंदर खुदा की तहरीर हैं।
सुनता रहूँ चुप हो कर उसे,
लफ्जों लिखी तू तकरीर है।
यूँ देखते ही हम मर मिटे,
तीखी तराशी शमशीर हैं।
है चेहरा मनसीरत खिला,
अपहार रांझे की हीर है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)