Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Sep 2024 · 1 min read

दिल में एहसास भर नहीं पाये ।

दिल में एहसास भर नहीं पाये ।
तुमको छूकर गुज़र नहीं पाये ।

इतने नज़दीक तेरे आकर भी,
हाय ! हम क्यों बिखर नहीं पाये।

कैसी मजबूरियां थी किस्मत में,
दिल की हम ले खबर नहीं पाये।

तुमने कोशिश तो की मगर हम भी।
दिल से अब तक उतर नहीं पाये ।।

हमको खुद से रहा यही शिकवा,
जो था करना वो कर नहीं पाये ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
* जिसने किए प्रयास *
* जिसने किए प्रयास *
surenderpal vaidya
3298.*पूर्णिका*
3298.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रख अपने वास्ते
रख अपने वास्ते
Chitra Bisht
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
జయ శ్రీ రామ...
జయ శ్రీ రామ...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
बाल कविता: बंदर मामा चले सिनेमा
Rajesh Kumar Arjun
अछूत....
अछूत....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
एक शे'र
एक शे'र
रामश्याम हसीन
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
Ravi Yadav
चौपई /जयकारी छंद
चौपई /जयकारी छंद
Subhash Singhai
दिकपाल छंदा धारित गीत
दिकपाल छंदा धारित गीत
Sushila joshi
धर्म या धन्धा ?
धर्म या धन्धा ?
SURYA PRAKASH SHARMA
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
Rituraj shivem verma
*पल-भर में खुश हो गया, दीखा कभी उदास (कुंडलिया)*
*पल-भर में खुश हो गया, दीखा कभी उदास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
National Symbols of India
National Symbols of India
VINOD CHAUHAN
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
Shweta Soni
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है  जब उसकी प्रेमि
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है जब उसकी प्रेमि
पूर्वार्थ
रोटियों के हाथों में
रोटियों के हाथों में
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
सितारे  अभी  जगमगाने  लगे।
सितारे अभी जगमगाने लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नज़र से तीर मत मारो
नज़र से तीर मत मारो
DrLakshman Jha Parimal
सरस्वती वंदना-6
सरस्वती वंदना-6
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
Rj Anand Prajapati
Loading...