दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं
आपके प्यार का हिज्र दर्दनाक है,
दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं!!
हर साँस पे अब बिछड़ने का ग़म पलता है,
अमन की राह में नई बारिश का इंतज़ार है!!
ख़ामोशी छा गई है तेरे जाने के बाद,
हर ग़म की आवाज़ सबको बेख़बर है!!
ज़िंदगी की राहों में हमेशा तेरी यादें हैं,
हर रास्ता हर मज़ार पे तेरी तस्वीर हैं!!
बर्बादी का इल्ज़ाम है हवा की गहराईयों पर,
तेरी हर एक अदाओं में, रूह की तस्वीर है!!
हिज्र की ये तमाम रातें हमें यूँ टाढ़ रही हैं,
दिल में उत्सुकता और आंसू ख़ामोश रहे हैं!!
मिलने की ख़्वाहिश मेरे सीने में यकीनन ज़िन्दा है,
तेरे दूर रहने की तश्नगी में हर शख्स यहां शर्मिंदा है!!
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©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़