दिल भटका मुसाफिर है।
दिल भटका मुसाफिर है।
जाने किस सम्त को जाए।।
अपना गैर देखता नहीं है।
ना जाने किसपे आ जाए।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
दिल भटका मुसाफिर है।
जाने किस सम्त को जाए।।
अपना गैर देखता नहीं है।
ना जाने किसपे आ जाए।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️