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15 May 2024 · 1 min read

दिल बेकरार है

इन बढ़ते हुए फासलो से दिल बड़ा बेकरार है।

आइना देखती हूं अब भी रोज लेकिन होता नहीं पहले सा श्रृंगार है।

उदास रातों में सिर्फ तेरा ही इंतजार है।

जिस्म से नहीं, हमको तो तेरी रूह से प्यार है।

तुम ही बताओ कि क्या तुमको मुझपे एतबार है?

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