दिल धड़कने लगा…
दिल धड़कने लगा…
बातें शुरू आँखो से हुई,
दिल धडकने लगा …
ख्वाबों का सिलसिला कुछ इस तरहसे चला
की हर ख्वाब महकने लगा …
गुजारीश लम्होसें की हमने,
वक्त रुकने लगा…
ख्वाहिशें बढने लगी,
चाँद ढलने लगा…
हवाएँ बहती रही दोनो के बिच ,
दुप्पटा उडने लगा,
दिल की खामोशियाँ भी,
पत्ता बोलने लगा…
तू ही बता ऐसे मे क्या करे ,
प्यार का सिलसिला बढ़ने लगा…
हमने तो सिर्फ करनी चाहे बाते ,
ये पल ऐहसासो का थमने लगा…
बाते शुरू आँखो से हुई,
दिल धडकने लगा …
ख्वाबों का सिलसिला कुछ इस तरहसे चला
की हर ख्वाब महकने लगा।