दिल तोड़ गया कोई
मुंह मोड़ गया
मुझे छोड़ गया
दिल तोड़ गया कोई
मैं चुपचाप
देखती रह गई
और दौड़ गया कोई…
जिससे शायद
जीते जी
छुटकारा नहीं मिलने वाला
ऐसे दर्द से
मेरा रिश्ता
अब जोड़ गया कोई…
खोई हुई थी
सपनों की एक
रंग-बिरंगी दुनिया में
भीतर तक
कांप गई ऐसे
झकझोर गया कोई…
कोई उम्मीद
या हौसला
मेरे लिए बचा ही नहीं
जिस्म और
रूह से बुरी तरह
निचोड़ गया कोई…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)