दिल जल रहा है
है सर्द रातें दिल जल रहा है
जाने क्यों वो मेरे दिल से खेल रहा है
कोई बता दो जाकर उसको
सता रहे हो जिसे, वो तेरे लिए ही जी रहा है
उसे सताकर क्या मिलेगा
जिसके दिल में तू बस रहा है
रो रहा है दिल उसका आज
और तू उसकी हालत पर हंस रहा है
कर दे न्याय अब उसके साथ
वो जो तेरा इंतज़ार कर रहा है
है प्यार तुमको भी उससे
क्यों झूठ मूठ इंकार कर रहा है
मुँह से तो झूठ बोल दोगे
तेरा चेहरा सच बयान कर रहा है
है इश्क़ तुमको भी जानता हूँ मैं
फिर क्यों इंकार कर रहा है
दिल टूटे पर आस न टूटे
अब तू मेरी आस भी तोड़ रहा है
जो इस तरह जानबूझकर
इस दीवाने को मंझधार में छोड़ रहा है
नहीं समझेगा तू ये दर्दे दिल
जो इस तरह इश्क़ की गली से डर रहा है
झांककर देख एक बार दिल में मेरे
इसमें बस तेरा ही प्यार पल रहा है।