*दिल के रोग की दवा क्या है*
दिल के रोग की दवा क्या है
*************************
दिल के रोग की दवा क्या है,
आया ना समझ हुआ क्या है।
धुंए से भरा गगन सारा,
देखा ही नहीं जला क्या है।
टिकते भी नहीं कदम भू पर,
ख्वाबों का शहर नया क्या है।
खाली जाम में जहर डाला,
जिंदा हैँ अभी,माजरा क्या है।
मन से साथ यार मनसीरत,
गम के ही सिवा मिला क्या है।
*************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)