जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
नकारात्मक लोगों को छोड़ देना ही उचित है क्योंकि वे आपके जीवन
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
"आईये जीवन में रंग भरें ll
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी