दिल की किताब … – डी के निवातिया
दिल की किताब …
***
वो कर चुरा ले गए मेरे दिल की किताब,
न खुद पढ़ते है न किसी को पढ़ने देते है !!
!
डी के निवातिया
दिल की किताब …
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वो कर चुरा ले गए मेरे दिल की किताब,
न खुद पढ़ते है न किसी को पढ़ने देते है !!
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डी के निवातिया