दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
खाली खाली सा मन है, चलो खुद से थोड़ी सी गुफ्तगू कर ले।।
ओस के बूंद सी तमन्ना है, धूप के साथ ही पिघल जाएगी ।
कौन कैसा है इस बात पर कानाफूसी कर
खुद की थोड़ी तसल्ली कर ले।।
दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
खाली खाली सा मन है, चलो खुद से थोड़ी सी गुफ्तगू कर ले।।
ओस के बूंद सी तमन्ना है, धूप के साथ ही पिघल जाएगी ।
कौन कैसा है इस बात पर कानाफूसी कर
खुद की थोड़ी तसल्ली कर ले।।