दिल ऐ बर्बाद
हुआ है दिल-ऐ-बर्बाद , नाशाद ,
मगर फिर भी जी रहे हैं शान से ।
यूँ तो ज़ख्मों से भर आई है आहें ,
चाक-दामन सी रहे है हम बड़े इत्मिनान से।
हुआ है दिल-ऐ-बर्बाद , नाशाद ,
मगर फिर भी जी रहे हैं शान से ।
यूँ तो ज़ख्मों से भर आई है आहें ,
चाक-दामन सी रहे है हम बड़े इत्मिनान से।