Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2021 · 1 min read

दिल्ली मे रहकर दिल की बात क्या करे

दिल्ली में रहकर,दिल की बात क्या करे,
यहां सब धोखा है,उसकी बात क्या करे।
लालच दिया जाता है,वोटरों को लुभाने को,
चुनावो निष्पक्ष हो,इसकी वात क्या करे।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 615 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
VINOD CHAUHAN
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
Ravi Yadav
ख्वाहिश
ख्वाहिश
Omee Bhargava
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
Juhi Sulemani
*देखो ऋतु आई वसंत*
*देखो ऋतु आई वसंत*
Dr. Priya Gupta
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
SPK Sachin Lodhi
संसार एक जाल
संसार एक जाल
Mukesh Kumar Sonkar
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
कई दिन, कई महीने, कई साल गुजर जाते हैं।
जय लगन कुमार हैप्पी
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
ভালো উপদেশ
ভালো উপদেশ
Arghyadeep Chakraborty
..
..
*प्रणय प्रभात*
अद्भुत प्रेम
अद्भुत प्रेम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अतीत का अफसोस क्या करना।
अतीत का अफसोस क्या करना।
P S Dhami
"तुझे चाहिए क्या मुझमें"
Dr. Kishan tandon kranti
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कितनी बेचैनियां
कितनी बेचैनियां
Dr fauzia Naseem shad
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पर्यावरण संरक्षण*
पर्यावरण संरक्षण*
Madhu Shah
बेवफ़ाई
बेवफ़ाई
Dipak Kumar "Girja"
गाँधीजी (बाल कविता)
गाँधीजी (बाल कविता)
Ravi Prakash
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
Manoj Mahato
3995.💐 *पूर्णिका* 💐
3995.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इस जीवन के मधुर क्षणों का
इस जीवन के मधुर क्षणों का
Shweta Soni
* जिन्दगी की राह *
* जिन्दगी की राह *
surenderpal vaidya
दूर है जाना...
दूर है जाना...
Shveta Patel
कलयुग की छाया में,
कलयुग की छाया में,
Niharika Verma
Loading...