दिल्ली दंगों का ये पहलु , क्या दिल्ली में हुआ दंगा योजनाबद्ध साजिश था ?
23 , 24 और 25 फरवरी , ये शिर्फ तारिखें नही हैं बल्की ये वो मंजर है जो भारत के आधुनिक पंथनिरपेक् और समाजवादी समाज को नही भुलना चाहिए वजय ये है कि इन तीन तारिखों के दरमियान उत्तरपुर्वी दिल्ली में जो दंगे हुए है उन में अब तक 40 से ज्यादा लोगों कि मौत हो गई है और राजधानी में ये तब हुआ जब दुनियां के सबसे अमीर , ताकतवर और दुसरे सबसे बडे़ लोकतात्रिक देश के राष्टपति श्री डोनाल्ड ट्रंप सह परिवार दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे तब इन दंगों के इस तरह योजनाबद्ध साजिश से कराए जाने के पुख्ता आसार हैं और मैं यह क्यों कह रहा हुं इसे निचे लेख में विस्तारपुर्वक लिख रहा हुं |
जब से ये दंगे हुए हैं तब से मुख्य मिडिया केवल कपिल मिश्रा के बयान को इन दंगों का जिम्मेदार ठहरा रहा है , लेकिन सबाल यह खडा़ होता है कि क्या मात्र कपिल मिश्रा के द्वारा हि कथित रुप से भड़काउ बयान दिया गया था ? , इसका जबाब है जी नही ! इसमें तीन महिने से जिस तरह से भड़काउ बयान दिए जा रहे हैं इसके सामने कपिल मिश्रा का बयान इंच मात्र भी नही है | जब से जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा हुई थी तभी से ऐसे सैकडो़ भड़काउ बयान सैकडो़ नेताओ के द्वारा दिए जा चुके हैं जिनमें एआईएमआईएम नेता ओवेसी भाईयों ( असदुद्दीन ओवेसी और अकबरुद्दीन ओवेसी ) तथा वारीस पठान , आम आदमी पार्टी के नेता विधायक अमानतुल्लाह खान का बयान भी सामिल है | वारीस पठान ने तो यहां तक कह दिया कि ‘हम दिखा देंगे पंद्रह करोड़ सों करोड़ पर भारी पडे़गे’ और आम आदमी पार्टी के विधायक नेता अमानतुल्लाह खान से ताल्लुकात रखने वाला एक दंगाई लड़का जिसका नाम सर्जिल इमाम है चीकन नेक को भारत से काटकर पुर्वोत्तर को परमानेंटली अलग करने कि बात कह रहा था फिलहाल वह पुलिस कि हिरासत में है |
उत्तरपुर्वी दिल्ली के ये दंगे जिसमें दोनो धर्मों के 40 से ज्यादा लोगों कि मौत हो गई है जिसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांसटेबल रतनलाल तथा आईबी के आफिसर अंकित शर्मा जिनको 2 से 4 घंटे तक 400 से ज्यादा बार चाकु मारकर हत्या कर दी गई और लाश को पास के नाले में फेंक दिया गया सामिल हैं | इन दंगों को पुरे योजनाबद्ध तरीके से साजिश के तहत आयोजित किया गया था और आयोजनकर्ता के रुप में आम आदमी पार्टी का पार्षद ताहिर हुसैन चिंन्हीत किया जा चुका है और आज दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया है | ताहिर हुसैन के पॉच मंजिला घर कि छत पर से 200 से 500 लोगों कि भीड़ निचे हिन्दुओं का घर चुनचुन कर पत्थर , पेटो्ल बम , तेजाब कि थैलियां और टाइल्स फेंक रहे थे | इस दंगों के योजनाबद्ध होने का यही सबसे बडा़ सबुत है कि एक पार्टी के पार्षद के घर कि छत पर इतने बडे़ मात्रा में पत्थर जिसे रिपोर्ट में तकरिबन सात ट्रक बताया जाता है , पेट्राेल बम , तेजाब तथा गुलेल जैसी खतरनाक चीजें कहां से आयीं क्योकि यह सब चिजे ना तो हवा में उड़कर आ सकती है और ना जादु से पैदा कि जा सकती हैं मतलब साफ है ये सब चीजे एक खास दिन के लिए एक खास मक्सद के लिए इकट्ठा कि गई थी |
आप दंगों का रुप देखेंगे तो पाएंगे कि यह दंगे पुरी तरह से हिन्दू घृणा से सने हुई थे | अंकित शर्मा को किस तरह से मारा गया था यह मैने आप को बताया और आप थोडा़ और जानने कि कोशिश करेंगे तो पाएंगे कि इन दंगों में जितने भी हिन्दूओ कि मौत हुई है इसी तरह से हुई है और ताहिर हुसैन के घर कि छत से जिस तरह से केवल हिन्दूओ के घरो पर हि पेट्रोल बम , पत्थर और टाइल्स के टुकडे़ फेंके गए हैं तथा उनके हि घरों और दुकानों को ज्यादातर आग लगाई गई है तो इतना सब देखने और सुनने के बाद मैं मजबुर हो गया हुं यह कहने के लिए कि जिस तहर से 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगे हुए थे जिसमें 4 हजार से ज्यादा सिखों को मार डाला गया था उसी तरह से यह उत्तरपुर्वी दिल्ली के 2020 के हिन्दू विरोधी देगे थे | हां यह सच है कि इस दंगे मे 1984 के दंगों जितनी मौते नही हुई हैं पर मेरे लिए एक व्यक्ति कि जान भी बहोत अहमियत रखती हैं , नमस्कार |