दिलों से नफ़रतें सारी
मुहाफ़िज़ है अगर सबका
तो इतना तू करम कर दे ।
दिलों से नफ़रतें सारी
मेरे मौला ख़त्म कर दे ॥
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
मुहाफ़िज़ है अगर सबका
तो इतना तू करम कर दे ।
दिलों से नफ़रतें सारी
मेरे मौला ख़त्म कर दे ॥
डाॅ फौज़िया नसीम शाद