“दिलों को आजमाता है”
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हजारों तकलीफें देकर
दिलों को आजमाता है
वो मेरा है मगर फिर भी
बड़ा मुझको सताता है
अगर मैं रूठ जाऊं तो
वो तोहफों से मनाता है
रहता है ख़यालों में
मेरे ही गीत गाता है
मेरे संग ही ख्वाबों की
दुनिया वो बसाता है
मुझे देखे बिना उसको
कहीं ना चैन आता है
मुझे पाकर ही हरदम
वो हँसता मुस्कुराता है
वो दीवाना मेरा मुझको
पलकों पे बिठाता है
©ठाकुर प्रतापसिंह राणाजी
सनावद(मध्यप्रदेश)