दिलों का हाल तु खूब समझता है
ख़ुशबू सा चारों ओर महकता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है।
आंसुओ का तु हिसाब रखता है
पूरे जीवन का किताब रखता है
एक -एक पल की खबर है तुझे
जमीन आसमान का नजर है तुझे
बैचैन दिल दिन – रात मचलता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है।
ख़ामोश लबों की आहें सुनता है
बेबसों की राहों के कांटे चुनता है
नींदों में सुहाने सपने दिखाए
बहाने से मंजिलों तक पहुंचाए
मजबूरियों में इंसान बहकता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है।
दुःख से इंसान को उबारता है
बिगड़े कामों को संवारता है
उम्मीद की किरन दिखाता है
कभी हंसाता कभी रूलाता है
हालात तेरी रहमतों से बदलता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है।
नूर फातिमा खातून” नूरी”
जिला कुशीनगर
उत्तर प्रदेश