दिलजलों के लिए
शिगूफ़ा मिल गया है लोगों को ,सियासी अटकलों के
लिए।
कुछ गाइडलाइन कोरोना में हो, घर मे क़ैद मनचलों के लिए।
ऐ सरकार तुझसे दरख्वास्त है कि जाने आने में रोक न लगा,
और आठो पहर मयखाने को खुला रख दे दिलजलों के लिए।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
शिगूफ़ा मिल गया है लोगों को ,सियासी अटकलों के
लिए।
कुछ गाइडलाइन कोरोना में हो, घर मे क़ैद मनचलों के लिए।
ऐ सरकार तुझसे दरख्वास्त है कि जाने आने में रोक न लगा,
और आठो पहर मयखाने को खुला रख दे दिलजलों के लिए।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी