दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
जिंदगी के रंग बदलेंगे
तुम्हारी छोटी सी मुठ्ठी में जो भी समाए
वही पल भविष्य की गठरी से खुशियां खोलेंगे
प्रद्युम्न अरोठिया
दिन रात जैसे जैसे बदलेंगे
जिंदगी के रंग बदलेंगे
तुम्हारी छोटी सी मुठ्ठी में जो भी समाए
वही पल भविष्य की गठरी से खुशियां खोलेंगे
प्रद्युम्न अरोठिया