गाती दुनिया मंगल गाथा, भारत देश महान की,।दिनांक -३१/१०/२३
दिनांक -३१/१०/२३
#बाल- #गीत
मुखड़ा -आधार छंद -प्रदीप,१६/१३ पर यति ;अंत में २१२अनिवार्य।
अंतरा ( १)-आधार छंद -लावणी
समांत -आयी
अंतरा (२)/(३) आधार छंद -प्रदीप
समांत/पदान्त-आ/अर
आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊॅ,कथा राष्ट्र उत्थान की।
गाती दुनिया मंगल गाथा,भारत देश महान की।
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सबसे पहले मनुज सभ्यता,
भारत भू पर ही आयी।
विकसित हुई रहन की शैली,
दुनिया को भी दिखलायी।।
हम ही करते केवल बातें,दुनिया देश जहान की।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊॅ,कथा राष्ट्र उत्थान की।
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सत्य-अहिंसा दिया जगत को,
दिया प्यार परिवार सा।
आयुर्वेद चिकित्सा दी और,
दिया अंक हैं शून्य का।।
क्या-क्या गाथा तुम्हें बताऊॅ,अपने हिंदुस्तान की।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊॅ,कथा राष्ट्र उत्थान की।।
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चांद सतह पर पहुंच गए हम,
एक नये अभियान पर।
लक्ष्य साधकर तीर चलाते,
ब्रह्म वाण संधान कर।।
आओ तुमको अब सिखलाऊॅ, बातें नव विज्ञान की।
आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊॅ,कथा राष्ट्र उत्थान की।।
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🙏 अटल मुरादाबादी 🙏
९६५०२९११०८