दिखावे की अमीरी
तेरी इस दिखावे की अमीरी में
कहिं दिल तेरा मुफलिस न हो जाये
वेइंतहा मोहब्बत करता है जो तुझसे
कहिं वो ‘सागर’ तुझसे दूर न हो जाये
इस वहारों के चमन में ऐ हमनशीं
कहिं चुभ न जाये कांटा तेरे पांव में
होश में बैठना तू इस समन्दर के किनारे
कहिं कोई पानी का तूफान न आ जाये
वेखॉफ शायर :-
? राहुल कुमार सागर ?
बदायूंनी
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