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3 Oct 2022 · 1 min read

दिखाकर ताकत रुपयों की

दिखाकर ताकत रुपयों की, क्यों कुछ ऐसा करते हैं।
ईमान – इंसाफ- इंसान को,खरीदने की बात करते हैं।।
दिखाकर ताकत रुपयों की——————-।।

समझते नहीं किसी का दुःख, हंसते हैं वो मजबूर पर।
समझते हैं सभी को गुलाम, करते हैं जुल्म मजदूर पर।।
होते हैं बहुत ये बेदर्दी, दर्द नहीं किसी का समझते हैं।
दिखाकर रुपयों की ताकत————–।।

करते नहीं इज्जत औरत की, कहते हैं खिलौना नारी को।
लूटते है अस्मत ये औरत की,रखते हैं कैद वो नारी को।।
जो नारी है इनकी माता ,नहीं पूजा उसकी ये करते हैं।
दिखाकर ताकत रुपयों की——————-।।

वफादार किसी से होते नहीं, चाहे इनका परिवार हो।
रखते हैं सम्बंध उन लोगों से, जो देश के गद्दार हो।।
नहीं शर्म इनको बदनामी की,बर्बाद देश को करते हैं।
दिखाकर ताकत रुपयों की——————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847

Language: Hindi
Tag: गीत
143 Views
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