Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2023 · 1 min read

दास्ताने-इश्क़

उसकी चाहत में तो हम, हरगिज़ दीवाने हो गए,
हर शहर, मशहूर बस, मेरे, फ़साने हो गए।

अब जवानी में कहाँ, क़ुव्वत, तशद्दुद सह सके,
शक़्ल-ए-मर्दां, तो, सीरत से, ज़नाने हो गए।

हर सिमत चर्चा भी क्यूँ, मेरा जहाँ मेँ हो रहा,
हीर-राँझे के तो अब, क़िस्से, पुराने हो गए।

वस्ल-ए-वादा, निभाने से, रहा परहेज़ था,
उसकी जानिब से नये, हर दिन, बहाने हो गए।

बारहा, तानों से, मेरा जिगर, छलनी हो गया,
तीर यारों के, फ़क़त, मुझ पे, निशाने, हो गए।

क़ल्ब-ए-अहवाल भी, आख़िर बयां कैसे करूँ,
क्यूँ तसव्वर मेँ थे, बस, उसके, ठिकाने हो गए।

दरमियाँ तो, फ़ासलों का, सिलसिला रुकता नहीं,
गुफ़्तगू को, अब , लगे, गोया, ज़माने हो गए।

कितने ही शायर, यहाँ, “आशा”, क़सीदोँ मेँ रमे,
इश्क़-ए-लबरेज़, पर, मेरे, तराने हो गए..!

क़ुव्वत # ताक़त, strength
तशद्दुद # अत्याचार , atrocities
क़ल्ब-ए-अहवाल # दिल के हालात,state (of affairs) of heart

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 483 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
shabina. Naaz
The Legend Of Puri Jagannath
The Legend Of Puri Jagannath
Otteri Selvakumar
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
डॉक्टर रागिनी
20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
बेटा
बेटा
अनिल "आदर्श"
माँ का द्वार
माँ का द्वार
रुपेश कुमार
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही जीवन है
SHAMA PARVEEN
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
ओसमणी साहू 'ओश'
अलविदा
अलविदा
Dr fauzia Naseem shad
നിങ്ങളോട്
നിങ്ങളോട്
Heera S
बीत गया सो बीत गया...
बीत गया सो बीत गया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
"नफरत"
Yogendra Chaturwedi
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
*साप्ताहिक अखबार (कुंडलिया)*
*साप्ताहिक अखबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बढ़ता उम्र घटता आयु
बढ़ता उम्र घटता आयु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रकृति
प्रकृति
Seema Garg
3990.💐 *पूर्णिका* 💐
3990.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
परिस्थितियां बदलती हैं हमारे लिए निर्णयों से
परिस्थितियां बदलती हैं हमारे लिए निर्णयों से
Sonam Puneet Dubey
"रहबर"
Dr. Kishan tandon kranti
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
Surinder blackpen
भाषा
भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दीप शिखा सी जले जिंदगी
दीप शिखा सी जले जिंदगी
Suryakant Dwivedi
लोग कब पत्थर बन गए, पता नहीं चला,
लोग कब पत्थर बन गए, पता नहीं चला,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हुस्न है नूर तेरा चश्म ए सहर लगता है। साफ शफ्फाफ बदन छूने से भी डर लगता है।
हुस्न है नूर तेरा चश्म ए सहर लगता है। साफ शफ्फाफ बदन छूने से भी डर लगता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कभी कभी आईना भी,
कभी कभी आईना भी,
शेखर सिंह
नन्ही परी
नन्ही परी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...